ना ICC ना BCCI ना टीम इंडिया ना कोई और दूसरा देश, सिर्फ़ इंग्लैंड की टीम अकेले कर रही टेस्ट क्रिकेट का भला, फिर भी मीडिया नहीं दे रहा साथ

टेस्ट क्रिकेट (Test Cricket) एक वक़्त पर सबसे लोकप्रिय खेल माना जाता था, यूं कहे कि टी20 (T20i) यानी फ़टाफ़ट क्रिकेट आने से सबसे ज़यादा जिसका नुकसान हुआ वह था टेस्ट क्रिकेट। ऐसा भी एक दौर था जब टेस्ट क्रिकेट अकेले पूरी दुनिया में कोहराम मचाया हुआ था। टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले खिलाडियों और देशों की एक अलग पहचान हुआ करती थी। एक से बढ़ कर एक खिलाड़ी हुए जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में बड़ा मुक़ाम हासिल किया जैसे सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar), ब्रायन लारा (Brian Lara), जाक कालिस (Jacque Kallis) आदी जिन्होने लोहा आज भी सभी फैंस मानते है।

लेकिन वक़्त बदला दौर बदला लोग मनोरंजन की तरफ़ भागे तो क्रिकेट बोर्ड्स पैसो के पीछे। इन सबके बीच टेस्ट क्रिकेट (Test Cricket) जिन्हे खेलना सबके बस की बात नहीं वह पीछे छूट गया इतना कि अब वापस लाने के लिए बोर्ड्स और खिलाड़ी तरह तरह के हथकंडे अपना रहे है। इसी तरीके से इंग्लैंड क्रिकेट टीम (England cricket team) एक नए ब्रांड ऑफ़ टेस्ट क्रिकेट को लेकर आगे बढ़ रही है। लेकिन दुर्भाग्य से फैंस, दर्शको, क्रिकेट एक्सपर्ट्स और मीडिया कोई भी इंग्लैंड का साथ देने के बजाय मज़ाक उड़ा रहा है।

सिर्फ़ इंग्लैंड की टीम अकेले कर रही टेस्ट क्रिकेट का भला

बीते 1 सालों से इंग्लैंड टेस्ट क्रिकेट की टीम अपने कोच जो एक बेहतरीन खिलाड़ी रह चुके है ब्रेंडन मैकुलम (Brendon McCullum) की कोचिंग में टेस्ट क्रिकेट को वापस अपने वजूद में लाने के लिए प्रयास कर रही। इसमें मौजूदा वक़्त में मनोरंजन और तड़का शामिल कर के बैज़बॉल का तरीका निकाला जिसमे एक टीम टेस्ट मैच को पूरे आक्रामक तरीके से खेलती है। इंग्लैंड के सभी खिलाडियों ने बैज़बॉल को अपने दिल दिमाग में डाला और एक टीम बन कर खेलना शुरू किया।

बीते दिनों इंग्लैंड बनाम ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट क्रिकेट की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी राइवलरी जिसे एशेज सीरीज के नाम से दुनिया जानती है इसका आगाज़ हुआ। इसके पहले मैच में इंग्लैंड ने पहली बाल से बैज़बॉल खेलना शुरू किया। पहले दिन इंग्लैंड ने बल्लेबाज़ी करते हुए 393 रन बना लिए थे 8 विकेट गिर चुके थे 2 विकेट अभी भी शेष थे और एक छोर से बल्लेबाज़ शतक बना कर बल्लेबाज़ी कर रहा था। लेकिन तभी इंग्लैंड के कप्तान बेन स्ट्रोक्स ने पारी को घोषित कर दिया। दुनिया कि कोई और टीम ऐसा कभी कर ही नहीं सकती। लेकिन इंग्लैंड ने कर दिखाया हिम्मत के साथ।

इस मैच की दूसरी पारी में भी इंग्लैंड की टीम ने बैज़बॉल अंदाज़ में बल्लेबाज़ी जारी रखी। बड़े बड़े शॉट्स लगाए इस दौरान विकेट तो गिरता गया लेकिन टेस्ट क्रिकेट में रोमांचक वापस आगया। अंत में इंग्लैंड की टीम 2 विकेट से मैच हार गई लेकिन अगर इंग्लैंड की टीम बैज़बॉल नहीं खेलती तो शायद यह मैच बाकी के मैच की तरह ड्रॉ पर ख़त्म होता जिसमे खिलाडियों के पर्सनल आंकड़ें में बढ़ोतरी के अलावा कुछ हासिल नहीं होता। लेकिन इंग्लैंड ने टेस्ट क्रिकेट में दोबारा से जान फुकने का काम किया।

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फ़िर भी इंग्लैंड की टीम को मीडिया और फैंस सुना रहे खरी खोटी

मैच हारने के बाद इंग्लैंड को क्रिकेट प्रेमी फैंस दूसरे देश की मीडिया के साथ इंग्लैंड की मीडिया भी खरी खोटी सुनाने लगी। सभी कहने लगे कि बैज़बॉल हार गई और कॉमन सेंस जीत गई। इंग्लैंड के पहली पारी को इतनी जल्दी घोषित कर देने को सबने ज़िम्मेदारी ठहराया। लेकिन क्या किसी ने सोचा कि इंग्लैंड की इस खेल से टेस्ट क्रिकेट में कितना रोमांच वापस आगया?

जो लोग दूसरे देशो के क्रिकेट को दूर से देखा करते थे वह भी रूचि लेकर इस मैच से चिपक गए और बड़े बारीकी से मैच को देखा समझा। ऐसे में इंग्लैंड टीम के नज़रिए से देखे तो जीत किसी की हुई क्रिकेट की न? आखिरी बार इतना रोमांचक टेस्ट क्रिकेट आपने कब देखा था? इंग्लैंड टीम का मक़सद ही यहीं है कि टेस्ट क्रिकेट को फिरसे वजूद में लाना और ऐसा करने में तो वह पूरी तरह सफल हुई। अगर इंग्लैंड की टीम बैज़बॉल नहीं खेलती मैच ड्रॉ हो जाता तो कितने लोग वापस टेस्ट क्रिकेट से जुड़ते?

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